What is the highest gold rate in 2025?

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 Why Did Gold Prices Rise in 2025? Key Reasons


वर्ष 2025 सोने के बाज़ार के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। इस साल सोने ने अब तक का सबसे ऊँचा स्तर छू लिया, जिसने निवेशकों, व्यापारियों और आम जनता—सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अगस्त 2025 में स्पॉट गोल्ड (Spot Gold) की कीमत $3,534 प्रति औंस तक पहुँच गई, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड है। वहीं, गोल्ड फ्यूचर्स (Gold Futures) ने भी $3,499.30 प्रति औंस का स्तर छुआ।

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इस रिकॉर्ड वृद्धि के पीछे कई प्रमुख कारण रहे—अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक तनाव, व्यापारिक नीतियों में बदलाव, और सोने पर लगाए गए नए टैरिफ (शुल्क) इनमें सबसे बड़े कारण रहे। विशेष रूप से अमेरिका द्वारा स्विट्जरलैंड से आने वाले 1 किलो सोने के बार पर 39% का टैरिफ लगाने की घोषणा ने बाजार में हड़कंप मचा दिया। निवेशकों ने सोने को “सेफ हेवन” यानी सुरक्षित निवेश के रूप में अपनाना शुरू कर दिया, जिससे मांग तेजी से बढ़ी और कीमतें आसमान छूने लगीं।


सोने की कीमत में उछाल के मुख्य कारण

What is the highest gold rate in 2025?


1. राजनीतिक और आर्थिक अनिश्चितता

रूस और पश्चिमी देशों के बीच बढ़ते तनाव, एशियाई बाजारों में अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय व्यापार युद्ध जैसे कारकों ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर मोड़ा। सोना हमेशा से ऐसे समय में भरोसेमंद संपत्ति माना जाता है।



2. टैरिफ और व्यापारिक बाधाएँ

अमेरिका का 39% गोल्ड टैरिफ केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि वैश्विक सप्लाई चेन के लिए एक बड़ा झटका था। इससे सोने के आयात-निर्यात पर असर पड़ा और अंतरराष्ट्रीय कीमतें तुरंत ऊपर चली गईं।



3. मुद्रास्फीति (Inflation) का दबाव

2025 के शुरुआती महीनों में ही महंगाई दर कई देशों में ऊँचे स्तर पर पहुँच चुकी थी। निवेशक अपने पैसों की क्रय-शक्ति बचाने के लिए सोने में निवेश कर रहे थे।



4. मुद्रा की कमजोरी

डॉलर इंडेक्स में गिरावट ने सोने को और आकर्षक बना दिया। डॉलर कमजोर होने पर विदेशी निवेशकों के लिए सोना खरीदना सस्ता हो जाता है, जिससे मांग बढ़ जाती है।



5. सट्टेबाज़ी और निवेश फंड्स की भूमिका

बड़े हेज फंड्स और संस्थागत निवेशकों ने इस बढ़ते ट्रेंड में भारी पूँजी लगाई, जिससे कीमतों में तेज़ी और आई।




भारत पर असर


भारत, जो सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, इस रिकॉर्ड कीमत का सीधा असर महसूस कर रहा है। डॉलर में सोने की कीमत बढ़ने के साथ-साथ रुपया भी कमजोर हुआ, जिससे घरेलू बाजार में 10 ग्राम सोने की कीमत में बड़ा उछाल आया। अगस्त 2025 में भारतीय बाजार में सोने की कीमत लगभग ₹95,000 प्रति 10 ग्राम के पास पहुँच गई, जो आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गया।


शादी-ब्याह के सीज़न में ज्वेलर्स को कम बिक्री का सामना करना पड़ा, लेकिन निवेशकों ने इसे अपने पोर्टफोलियो में स्थिरता लाने के अवसर के रूप में देखा।


आगे का अनुमान


विश्लेषकों का मानना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक स्थिति स्थिर नहीं हुई और आर्थिक अनिश्चितता बनी रही, तो 2025 के अंत तक सोना और ऊँचाई छू सकता है। कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह $3,600 प्रति औंस के स्तर तक भी जा सकता है। हालांकि, अगर टैरिफ नीतियों में नरमी आई और डॉलर मजबूत हुआ, तो कीमतों में कुछ गिरावट भी आ सकती है।



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निष्कर्ष:

2025 में सोने का यह रिकॉर्ड सिर्फ़ एक संख्या नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की अस्थिरता, राजनीतिक तनाव और निवेश प्रवृत्तियों का प्रतिबिंब है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि सोना, सदियों से, संकट के समय में निवेशकों के लिए एक सुरक्षित आश्रयस्थल रहा है, और शायद आगे भी रहेगा।

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